सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Sadama movie story in hindi,सदमा फिल्म कहानी ।

                           SADAMA                                  MOVIE                                                                          सामान्य रूप से हिंदी फिल्मों में औरतो को त्याग की मूर्ति , सहनशीलता का सागर , अन्याय के  खिलाफ लड़ने वाली वीरांगना दिखाया जाता है ,ऐसा करके नारी को motivate करना और समाज में बदलाव लाना ऐक अच्छी बात है , लेकीन इसी के  चलते फिल्म के हीरो फाईट और डांस तक सीमित हो जाता है । उनको अपनी भावना प्रदर्शित करने का एवं आदमी के अंदर भी कई संवेदना छिपी है यह बात बताने का मौका ही नही मिलता                                                                      फिल्म सदमा में राज एन  सिप्पी ने कमाल हसन को ऐक भावनात्मक किरदार निभाने का मौका दिया है । सोमु (कमाल हसन ) ऐक  एकाकी  स्कूल टीचर है जिसे नेहलता (श्रीदेवी)     नामकी  युवती से प्यार हो जाता है , जो कि ऐक कार एक्सीडेंट में दिमागी चोट लगने के   कारण अपनी याददाश्त भूल चुकी है और छोटी बच्ची जैसा बरताव करती है । नेहलता का एक्सीडेंट होता है और उसे अस्पताल में दाखिल कीया जाता है और जब होश  में आती है , तब दिमाग पे लगी अंदरूनी गहेरी चोट के कारण अपनी याददाश्त भूल  जाती है , अपने माँ -बाप तक को पहचान से इनकार करती है एवं बच्चे जैसा बरताव करती है  , उसका डॉक्टर कुछ समय में ठीक हो जाने का आश्वासन देता है । जब  उसका इलाज चल रहा होता है तब उसको कोई अगवा करता है तथा  ऐसी जगह बेचता है जहा जिस्म के सौदे होते है । सौमु उर्फ सोमदत्त उसी वेश्यालय में उसके दोस्त के साथ कामुक आवेगों को शांत करने के इरादों से पहुंचते है । इतेफाक से सौमुको नेहलता के रूम में पहुचाया जाता है , जंहा  नेहलता को नया नाम "रेशमी" दिया गया है । उसके रूम में पहुंचते ही सौमुको  रेशमी की दिमागी हालत से लेकर और सारी परिस्थितियों का अंदाज आ जाता है । सोमू उसको वहा से भगा कर train में बिठाकर वो जंहा स्कूल टीचर के तौर पे नौकरी करता है वहा ऊटी लेकर जाता है । वो रेशमी को अपने घर पे रखता है , उसकी देखभाल करता है तथा उसकी रक्षा भी करता है ।नेहलता उसे सोमू कहके बुलाती है, वो अपना अतीत बिल्कुल भूल चुकी है, साथ मे रहते दोनो का रिश्ता हल्की नोकझोक के साथ पनपता है , मगर बाद में दोनों में सुलेह हो जाती है और एक अपनापन हो जाता है ।बलवंत (गुलशन ग्रोवर) नाम का लकड़ी काटनेवाला रेशमी को देखकर लट्टू हो जाता है, बहाने से रेशमी को सूनी जगह पर लेकर जाता है और इज्जत पर हाथ डालता है, लेकिन रेशमी कैसेभी करके अपने आप को बचा लेती है ।वो सोमू के पास जाकर सारी बाते बताती है, सुनकर सोमू आगबबूला हो जाता है वो जाकर बलवंत को गुस्से से पीटने लगता है , और मार डालने को उतारू हो जाता है, लेकिन उसके पड़ोसी आकर उसे रोक लेते है, सोमूका यही आक्रोश रेशमी के प्रति उसके दिल में पली भावना प्रतीत करवाता है,सोमू के दिल में पनपता प्यार प्रदर्शित करता है । सोमू अंदर ही अंदर रेशमी से प्यार करने लगता है जो खुद भी नही समज पाता है ।सोमू के हेड मास्टर की  जवाँ और मादक पत्नी (सिल्क स्मिता)  उसे अपनी और आकर्षित करके अपनी जाल में फसाने की कोशिश करती है , लेकिन वो भी सोमू के दिल में  रेशमी के लिए पले प्यार को नही मिटा पाती ।
                  दूसरी और रेशमी के पिता अखबार में विज्ञापन देकर पोलीस को कम्प्लैन देकर अपनी बेटी को ढूंढ ने के लिए प्रयत्नशील है , उसी वक़्त सोमू को कोई शुभचिंतक  आकर  किसी  बाबा का पता देता है जो रेशमी जैसे दिमागी मरीज  का कुदरती रूप से इलाज करता है । सोमू कुछ दिनो केलिए रेशमी को उनके पास इलाज के लिए छोड़ता है ।उन्ही दिनो पुलिस ढूढती हुई सोमू के घरआती है, पर सोमू घर पर नही होता है , आख़िरकर पुलिस पता कर ही लेती है कि रेशमी बाबा के यहा इलाज के लिए छोड़ा गया है और वही रेशमी के माँ बाप को लेकर पहुँचती है । सोमू को सारी बात पता चलती है लेकिन पुलिस के डर से वहा नही पहुंच  पाता।बाबा रेशमी का इलाज करने में सफल होते है रेशमी को पुरानी याददाश्त वापस आती है वो अपने माँ-बाप को पहचान लेती है, लेकिन अफसोस की बात वो अपने आक्सिडेंट से लेके अपने ठीक होने तक की सारी बाते भुल जाती है यानी सोमू के साथ गुजरे हुवे जिंदगी के पल उसे याद नहीं है ।नेहलताके पिता खुश हो जाते है वो अपनी बेटी को अपने साथ ले जाने का निर्णय लेते है, उनको इस बात का एहसास है कि जो कोई भी इंसान उनकी बेटी को वहा लाया है वो कोई सज्जन है और उसने उनकी बेटी की अच्छी देखभाल की है, वो उनकी पुलिस क्म्प्लैन वापस लेते है ।पुलिस अपने ठिकाने वापस जाती है और रेशमी अपने परिवार के साथ अपने घर वापस लौटने का सफर शुरू करती है ।जिस कार रेशमी बैठी है उसके पीछे सोमू पागल की तरह भागता है और रेलवे स्टेशन तक पहुचता है, ट्रैन में बैठी रेशमी को अपने अहेसास को, अपने जझ्बात को ,साथ में बिताये हुए जिंदगी के वो पल याद दिलाने के कोशिश करता है, लेकीन रेशमी कुछ नहीं समज पाती। सोमू बंदर के जैसे नाच के दिखाता है जो की रेशमी को अक्सर पसंद आता था, फिर भी रेशमी उसे नहीं पहचान पाती , वो सोमू को पागल समज लेती है एवं खाने के लिये भीख माँग रहा है ऐसा सोचती है । ट्रैन चालू होती है और एहसासों से मार  खाया हुवा एवं जझबातौ  में बहता हुवा सोमू पीछे पीछे भागता है रेशमी को सब कुछ याद दिलाने की नाकाम कोशिश करता है ,भागते भागते गिर जाता है, तथा जख्मी हो जाता है । दिल की चोट खाएं हुऐ सोमू को शरीर पे लगी चोट का अहेसास नहीं है, इसी तरह दर्दभरे इस दृश्य के साथ फिल्न का दुःखद अंत होता है ।
                        सदमा फिल्म सचमुच में एक लाजवाब फिल्म है, जिस में अभिनेता कमल हसन एवं अभिनेत्री श्रीदेवी दोनों का अभिनय अदभुत एवं वास्तविक है । श्रीदेवी का एक पागलपन  का अभिनय अपने आप में एक  दर्द भरी बात है, लेकीन इसी दर्द में से वो दर्शको में हास्य भी पैदा कर लेती है , यही तो इनके अभिनय की विशेषता है । " ये जिंदगी गले लगा जा " और "सुरमय अखियां में "जैसे गाने में भावुक लगनेवालेे कमल हसन ने सिल्क स्मिता के साथ एक उत्तेजक  गाना करके अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय करवाया है । फिल्म के अंत में दोनों का अभिनय वास्तविकता की चरम सीमा पर है, जो दर्शको के दिल में कमल के प्रति सहानुभूति तथा श्रीदेवी के लिये धृृणापैदा करता है ।
                       फिल्म का अंत देखकर यही प्रतीत होता है कि इंसानियत के नाते किसी को मदद करनी चाहिए लेकीन भावुकता को एक सीमा में बांधकर रखना चाहिए ।
     





















टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Taare zamin par story in hindi तारे ज़मीन पर कहानी .

                                                                                                                              तारे जमीन पर                                बॉलीवुड, जहाँ फिल्मों की कहानी वो कॉम्बो पैक रेहता है जिसमें एक मूल कथा के साथ में एक प्रणय कथा का समन्वय रेहता है, फिल्मों की मूल कथा सामाजिक पहलु से जुडी हो, राजकारण, खेल, तालीम, अंडवर्ल्ड से जुडी हो या कोई धार्मिक कथा हो  साथ में एक प्रणय कथा रहती ही रहती है | दूसरे शब्द में कहेंगे तो हिंदी फिल्म की कहानी वो लता है जो प्रणय कथा के वटवृक्ष के सहारे पनपती है, और दर्शक को रिझाने में कामयाब रहती है। लेकिन कुछ चंद फिल्म...

Manthan- movie , मंथन फिल्म -ऐक समीक्षा।

                                Manthan movie story in Hindi          भारत की अधिकतर जनसंख्या गाँवो में बसी है, और उनकी आमदनी कृषी पर निर्भर है। भारत की इसी ग्रामीण अर्थव्यस्था सुद्ढ करने में डेरी उधोग की प्रमुख भूमिका है । कृषी एवं डेरी उधोग के बीच परस्पर निर्भरता वाले संबंध है , आंतरराष्ट्रीय  बाजार में भारत का अपना विशेष स्थान है । और यह विश्व में सबसे बड़ा दुध उत्पादक और दुध उत्पादो का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक  देश है , भारत को इस शिखर पर ले जाने का श्रेय वर्गीस कुरियन को जाता है, वर्गीस कुरियन ने सहकारीता के जरिए दुध उत्पादन को जनांदोलन बनाया , उन्हों ने जिसके लिये काफी संघर्ष किये , इसी संघर्ष का प्रतिबिंब हैफिल्म " मंथन " ।                                                                    ...

Aaina movie download review आईना फ़िल्म ऐक समीक्षा

                                                                                                                                                                                                Aaina                                         ( movie )                                               ...